5 पदार्थों का पृथक्करण
हमारे दैनिक जीवन हम ऐसे बहुत से उदाहरण देखते हैं, जिनमें हम पदार्थों के किसी मिश्रण से पदार्थों को पृथक करते हुए देखते हैं। चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से चालनी द्वारा पृथक किया जाता है।
फसल कटाई के पश्चात अनाज को भूसे से पृथक करते हैं। मक्खन को पृथक करने के लिए दूध या दही का मंथन किया जाता है। जैसा कि हमने अध्याय 3 में सीखा है कि रेशों से बीजों को पृथक करने के लिए हम कपास को ओटते हैं। कदाचित आपने यह पाया होगा कि इसमें मिर्च है, तो खाने से पहले उन्हें सावधानीपूर्वक बाहर निकाल दिया होगा।
कल्पना कीजिए कि एक टोकरी में आम और अमरुद भरे हैं और आपसे इन्हें पृथक करने के लिए कहा गया है, तो आप क्या करेंगे? इसके लिए आप एक प्रकार के फलों को उठाकर किसी पृथक बर्तन में रख देंगे, क्या यह सही है?
ऐसा करना सरल प्रतीत होता है, परंतु, यदि पृथक किए जाने वाले पदार्थ आम या अमरुदों की तुलना में बहुत छोटे हों तो उन्हें पृथक करने के लिए क्या करना होगा? कल्पना कीजिए, यदि आपको रेत और नमक के मिश्रण से भरा कोई गिलास दिया जाता है, तो मिश्रण से रेत के कणों को हाथ से बीनकर पृथक करने की सोचना भी असंभव है।
क्रियाकलाप 1
सारणी 5.1 के काॅलम 1 में पृथक्करण के कुछ प्रक्रम दिए हैं। पृथक करने का उद्देश्य तथा अवयवों को पृथक करने के ढंगों को काॅलम 2 तथा 3 में दिया गया है। तथापि काॅलम 2 और 3 में दी गई सूचना अव्यवस्थित हो गई है। क्या आप प्रत्येक प्रक्रम का उसके उद्देश्य तथा पृथक्कृत अवयवों के उपयोग के ढंग से मिलान कर सकते हैं?
हम देखते हैं कि किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले हमें उसमें मिश्रित हानिकारक तथा अनुपयोगी पदार्थों को पृथक करने की आवश्यकता होती है। कभी कभी हम उपयोगी पदार्थों को भी पृथक करते हैं जिनकी हमें अलग से उपयोग करने की आवश्यकता होती है।
पृथक किए जाने वाले पदार्थों के कणों के आमाप अथवा द्रव्य भिन्न हो सकते हैं। ये पदार्थों की तीन अवस्थाओं जैसे ठोस, द्रव तथा गैस में से कोई भी हो सकती हैं। इसलिए हम किन्हीं पदार्थों के ऐसे मिश्रण का पृथक कैसे करते हैं जिनके गुणधर्मों में अत्यधिक भिन्नता है।


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