4.2 पदार्थों के गुण

क्या आपने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि गिलास कपड़े का क्यों नहीं बनाया जाता है? अध्याय 3 में कपड़े के टुकड़ों के साथ जो प्रयोग हमने किया था उसे याद कीजिए और यह ध्यान में रखिए कि हम गिलास का उपयोग सामान्यत द्रवों को रखने के लिए करते हैं। इसलिए अब यदि हम कपड़े का गिलास बनाएं तो क्या हमारा यह कार्य काफी हास्यास्पद प्रतीत नहीं होगा (चित्र 4.2)। गिलास बनाने के लिए हमें कांच, प्लास्टिक, धातु अथवा कोई ऐसा पदार्थ चाहिए जो जल को रोक सकता हो। इसी प्रकार खाना पकाने वाले पात्र बनाने के लिए कागज का उपयोग करना भी कोई बुद्धिमानी का कार्य नहीं माना जाएगा। तब हम यह देखते हैं कि हमारे द्वारा किसी वस्तु को बनाने के लिए किसी पदार्थ का चयन किया जाना उस पदार्थ के गुणों तथा उपयोग की जाने वाली वस्तु के प्रयोजन पर निर्भर करता है। 
   अतः पदार्थों के वह सब गुण क्या हैं जो उसके उपयोग के लिए महत्वपूर्ण होते हैं? नीचे कुछ गुणों की विवेचना की गई है। 
दिखावट
पदार्थ प्राय: एक दूसरे से भिन्न दिखाई देते हैं। लकड़ी लोहे से बिल्कुल भिन्न दिखाई देती है। लोहा, तांबा अथवा एलुमिनियम से भिन्न दिखाई पड़ता है। परंतु फिर भी लोहे, तांबे तथा एलुमिनियम में कुछ समानताएं हो सकती है, जो लकड़ी में नहीं पाई जाती। 

क्रियाकलाप 3
विभिन्न पदार्थों - गत्ता, लकड़ी, तांबे का तार , एलुमिनियम की शीट और चाक के छोटे छोटे टुकड़े एकत्र कीजिए। क्या इनमें से कोई चमकीली दिखाई पड़ती है? चमकीले पदार्थों को एक समूह में पृथक कीजिए। 
   अब जैसे ही आपके शिक्षक प्रत्येक पदार्थ को दो भागों में काटे, ताजे कटे पृष्ठों को ध्यान से देखिए (चित्र 4.3)। आपने क्या पाया? क्या इन पदार्थों में से कुछ के ताजे कटे पृष्ठ चमकीले हैं? इन वस्तुओं को भी चमकीले पदार्थों के समूह में सम्मिलित कीजिए। क्या आप अन्य पदार्थों में इसी प्रकार की कोई चमक अथवा द्युति देखते हैं? जैसे भी संभव हो सके किसी भी ढंग से इन्हें काटिए, ऐसा आप कक्षा में जितने भी पदार्थों के साथ कर सकते हैं, कीजिए तथा द्युतिवान तथा द्युतिहीन पदार्थों की सूची बनाइए। काटने के स्थान पर आप पदार्थों के पृष्ठों को रेगमाल से रगड़कर यह देख सकते हैं कि वे द्युतिवान हैं अथवा नहीं। 
   पदार्थ जिनमें इस प्रकार की द्युति होती है, वे प्राय: धातु होते हैं। लोहा, तांबा, एलुमिनियम तथा सोोो, धातुओं के उदाहरण हैं। 
कुछ धातुएं बहुधा अपनी चमक खो देती हैं और द्युति हीन (निष्प्रभ) दिखाई देने लगती हैं। ऐसा उन पर वायु तथा नमी की अभिक्रियाओं के कारण होता है। इसीलिए हमें केवल ताजे कटे पृष्ठों पर ही द्युति दिखाई देती है। जब आप किसी लोहार अथवा वर्कशाॅप का भ्रमण करें तो धातु की छड़ों के ताजे कटे पृष्ठों को देखने का प्रयास करें और यह देखें कि इनमें द्युति है अथवा नहीं? 

कठोरता
जब आप विभिन्न पदार्थों को अपने हाथों से दबाते हैं, तो उनमें से कुछ को दबाना (संपीडित करना) कठिन होता है, जब कि कुछ अन्य आसानी से संपीडित हो जाते हैं। धातु की एक चाबी लीजिए तथा इससे लकड़ी, एलुमिनियम, पत्थर का टुकड़ा, कील, मोमबत्ती, चाक, अन्य कोई पदार्थ अथवा वस्तु के पृष्ठों को खरोंचने का प्रयास कीजिए। आप कुछ पदार्थों को आसानी से खरोंच सकते हैं, जबकि कुछ अन्य पदार्थों को इतनी आसानी से नहीं खरोंचा जा सकता। वे पदार्थ जिन्हें आसानी से संपीडित किया अथवा खरोंचा जा सकता है, कोमल पदार्थ कहलाते हैं, 
जबकि अन्य पदार्थ जिन्हें संपीडित करना कठिन होता है, कठोर पदार्थ कहलाते हैं। 
उदाहरण के लिए रुई अथवा स्पंज कोमल हैं, जबकि लकड़ी कठोर है। 
   दिखावट में, पदार्थों में विभिन्न गुण हो सकते हैं, जैसे द्युति, कठोरता, रुक्ष (खुरदरा) अथवा चिकना होना। क्या आप अन्य गुणों के बारे में सोच सकते हैं जो किसी पदार्थ की दिखावट का वर्णन करते हैं? 

विलेय अथवा अविलेय
क्रियाकलाप 4
 कुछ ठोस पदार्थों जैसे चीनी, नमक, चाक पाउडर, बालू तथा लकड़ी के बुरादे के नमूने एकत्र कीजिए। कांच के पांच गिलास लीजिए। प्रत्येक गिलास के लगभग 2/3 भाग में जल भरिए। पहले गिलास में कुछ मात्रा में (चम्मच भरकर) चीनी, दूसरे में नमक तथा इसी प्रकार शेष गिलासों में अन्य पदार्थ मिलाइए। प्रत्येक गिलास की अंतर्वस्तु को चम्मच से विलोड़ित कीजिए (धीरे धीरे हिलाइए)। कुछ मिनट तक प्रतीक्षा कीजिए। प्रेक्षण कीजिए और पता लगाइए कि जल में मिलाए ग‌ए पदार्थों का क्या होता है (चित्र 4.4)। अपने प्रेक्षणों को सारणी 4.3 में दर्शाए अनुसार नोट कीजिए। 
   आप यह पाएंगे कि कुछ पदार्थ जल में पूर्णतः लुप्त हो ग‌ए , अर्थात घुल ग‌ए हैं। हम यह पदार्थ जल के साथ मिश्रित नहीं होते तथा काफी समय तक गिलास में विलोड़ित करने पर भी जल में लुप्त नहीं होते। ये पदार्थ जल में अविलेहै। 
    चूंकि जल बहुत से पदार्थों को विलीन कर सकता है इसीलिए हमारे शरीर के प्रकार्यों में इसकी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है। क्या द्रव भी जल में विलीन हो जाते हैं? 

क्रियाकलाप 5 
सिरका, नींबू का रस, सरसों का तेल अथवा नारियल का तेल, मिट्टी का तेल अथवा अन्य किसी द्रव के नमूने एकत्र कीजिए। कांच का एक गिलास लीजिए। इसे आधा जल भरिए। अब इसमें चम्मच भरकर कोई द्रव मिलाइए, और भली-भांति विलोड़ित कीजिए। इसे पांच मिनट के लिए छोड़ दीजिए। प्रेक्षण कीजिए कि क्या यह द्रव जल के साथ मिश्रित हो जाता है। जितने अधिक अन्य द्रव आपको उपलब्ध हो सके उन सभी के साथ इस प्रयोग को दोहराइए। अपने प्रेक्षणों को सारणी 4.4 में लिखिए। 
   हम यह देखते हैं कि कुछ द्रव जल में पूर्णतः मिश्रित हो जाते हैं। कुछ अन्य द्रव जल में मिश्रित नहीं होते और कुछ समय तक ऐसे ही छोड़ देने पर अपनी पृथक परत बना लेते हैं। 
  कुछ गैसें जल में विलेय हैं, जबकि अन्य नहीं हैं। सामान्यतः जल में कुछ गैसें थोड़ी मात्रा में विलीन होती हैं। उदाहरण के लिए जल में विलीन आॅक्सीजन गैस, जल में रहने वाले जंतुओं एवं पादपों की उत्तरजीविता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

वस्तुएं जल में तैर अथवा डूब सकती हैं
क्रियाकलाप 4 करते समय आपने यह ध्यान दिया होगा कि जल में अविलेय ठोस जल से पृथक हो हो जाते हैं। क्रियाकलाप 5 में भी आपने कुछ द्रवों के साथ ऐसा ही देखा होगा। इनमें से कुछ पदार्थ, जो जल में मिश्रित नहीं हो पाए वे जल के पृष्ठ पर आकर तैरने लगे थे। अन्य डूबोकर गिलास की तली में पहुंच गए थे, क्या यह सही नहीं है? हम ऐसे बहुत से उदाहरण देखते हैं, जिनमें पदार्थ जल में तैरते रहते हैं अथवा डूब जाते हैं। किसी तालाब की सतह पर गिरी सूखी पत्तियां, वह कंकड़ जो आप इसी तालाब में फेंक देते हैं, शहद की कुछ बूंदें जिन्हें आप गिलास के जल में डालते हैं, इन सब का क्या होता है?
   बूझो यह चाहता है कि आप उसे जल में तैरने वाले तथा जल में डूबने वाले पदार्थों के पांच पांच उदाहरण दें। अन्य द्रवों, जैसे तेल में यही पदार्थ तैरते हैं अथवा डूब जाते हैं, इसे देखने के लिए आप किस प्रकार परीक्षण करेंगे? 

पारदर्शिता
आपने लुका छिपी का खेल खेला होगा। उन स्थानों के बारे में विचार करिए जहां आप खेलते समय छिपना चाहेंगे ताकि आप दूसरों को दिखाई न दें। आपने इन स्थानों को ही क्यों चुना? क्या आपने कभी शीशे की खिड़की के पीछे छिपने का प्रयास किया है? स्पष्ट रूप से नहीं, क्योंकि ऐसा करने पर आपका मित्र शीशे से देखकर आपका पता लगा लेगा। उन पदार्थों अथवा सामग्रियों जिनसे होकर वस्तुओं को देखा जा सकता है, उन्हें पारदर्शी कहते हैं। 
कांच , जल, वायु, तथा कुछ प्लास्टिक पारदर्शी पदार्थों के उदाहरण हैं। प्राय: दुकानदार बिस्कुट, मिठाइयां तथा अन्य खाद्य पदार्थों को कांच अथवा प्लास्टिक के पारदर्शी पात्रों में रखना अधिक पसंद करते हैं ताकि खरीददार इन चीजों को आसानी से देख सके। 
   इसके विपरीत, कुछ ऐसे पदार्थ भी हैं जिनसे होकर आप वस्तुओं को नहीं देख सकते। इन पदार्थों को अपारदर्शी कहते हैं। आप यह नहीं बता सकते कि बंद लकड़ी के बाॅक्स, गत्ते के डिब्बे अथवा धातु के पात्र के भीतर क्या रखा है? लकड़ी, गत्ता तथा धातुएं अपारदर्शी पदार्थों के उदाहरण हैं। क्या अब हम यह समझते हैं कि हम बिना किसी भ्रांति के सभी पदार्थों एवं वस्तुओं को पारदर्शी अथवा अपारदर्शी में सामूहित कर सकते हैं? 

क्रियाकलाप 6 
कागज की एक शीट लीजिए और इससे होकर किसी प्रदीप्त को देखिए। इस संबंध में, अपने प्रेक्षण नोट कीजिए। अब कागज की शीट के बीच में 2-3 बूंद खाने का तेल या मक्खन डालकर इसे फैलाइए कागज के उस भाग से, जहां तेल फैला है, प्रदीप्त बल्ब को दुबारा ध्यान से देखिए। अब आप क्या देखते हैं? क्या आप यह पाते हैं कि अब बल्ब हमें पहले की अपेक्षा और अधिक स्पष्ट दिखाई देता है? परंतु क्या आप इस चिकने कागज से होकर प्रत्येक वस्तु को पूर्णतः स्पष्ट देख लेते हैं। कदाचित नहीं। ऐसे पदार्थों, जिनसे होकर वस्तुओं को देख तो सकते हैं, परंतु बहुत स्पष्ट नहीं देखा जा सकता, उन्हें पारभासी कहते हैं। कागज पर लगे उस तैलीय धब्बे को याद कीजिए जिसका उपयोग हमने खाद्य पदार्थों का वसा के लिए परीक्षण करने में किया था?  वह भी पारभासी ही था। क्या आप पारभासी पदार्थों के कुछ और उदाहरणों पर सोच विचार कर सकते हैं। 
   अतः हम पदार्थों को अपारदर्शी, पारदर्शी तथा पारभासी के रुप में समूहों में बांट सकते हैं। 
 पहेली किसी अंधेरे वाले स्थान पर टार्च के कांच को हथेली से ढकने का सुझाव देती है। टार्च का स्विच ' आॅन' करके हथेली के दूसरी ओर का प्रेक्षण कीजिए। वह यह जानना चाहती है कि क्या आपकी हथेली अपारदर्शी है, पारदर्शी है अथवा पारभासी? 
   हमने यह सीख लिया है कि पदार्थों की अपनी भिन्न दिखावट होती है तथा इनके जल अथवा अन्य द्रवो में मिश्रित होने के ढंग भिन्न-भिन्न होते हैं। वे जल में तैर अथवा डूब सकते हैं अथवा पारदर्शी, अपारदर्शी और पारभासी हो सकते हैं। पदार्थों का समूहन उनके गुणों में समानताओं अथवा विभिन्नताओं के आधार पर किया जा सकता है। हमें पदार्थों को समूहों में रखने की आवश्यकता क्यों पड़ती है? दैनिक जीवन में हम प्राय: पदार्थों का समूहन अपनी सुविधा के लिए करते हैं। घर में हम अपनी वस्तुओं का भंडारण सामान्यतः इस प्रकार करते हैं कि एक जैसी वस्तुएं एक साथ रखी हों। इस प्रकार की व्यवस्था द्वारा हम आसानी से उनका पता लगा सकते हैं। इसी प्रकार कोई पंसारी प्राय: सभी प्रकार के बिस्कुटों को अपनी दुकान के एक कोने में रखता है, सभी साबुनों को अन्य स्थान पर‌ जबकि अनाज तथा दालों का भंडारण किसी अन्य स्थान पर करता है। 
   इस प्रकार के समूहन के लाभप्रद होने का एक दूसरा कारण भी है। पदार्थों को इस प्रकार समूहों में बांटकर उनके गुणों का अध्ययन तथा इन गुणों में किन्हीं भी पैटर्नों का अवलोकन करना सुविधाजनक बन जाता है। इसके विषय में और अधिक अध्ययन हम उच्च कक्षाओं में करेंगे। 
प्रमुख शब्द
कठोर
अविलेय 
द्युतिमय (चमकीला)
पदार्थ
धातु
अपारदर्शी
रुक्ष (खुरदरा)
विलेय
पारभासी
पारदर्शी

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