3.5 तागे से वस्त्र

तागे से वस्त्र बनाने की क‌ई विधियां हैं। इनमें दो प्रमुख विधियां बुनाई तथा बंधाई है। 
बुनाई
   क्रियाकलाप 2 में आपने यह ध्यान दिया होगा कि वस्त्र तागों के दो सेटों, जिन्हें एक साथ व्यवस्थित किया जाता है, से मिलकर बनते हैं। तागों के दो सेटों को आपस में व्यवस्थित करके वस्त्र बनाने की प्रक्रिया को बुनाई कहते हैं। आइए कागज़ की कुछ पट्टियों को बुनने का प्रयास करते हैं। 

क्रियाकलाप 5 
भिन्न रंगों की दो कागज की शीट लीजिए। दोनों में से 30 सेंटीमीटर लंबाई तथा 30 सेंटीमीटर चौड़ाई की वर्गाकार शीट काटिए। अब इन दोनों शीटों को आधा मोड़िए। एक शीट पर चित्र 3.12(a) में दिखाए अनुसार रेखाएं खींचिए तथा दूसरी शीट पर चित्र 3.12(b) में दिखाए अनुसार रेखाएं खींचिए। दोनों शीटों को खींची गई रेखाओं के अनुदिश काटिए और फिर शीटों के मोड़ों को खोलकर इन्हें फैला दीजिए। एक शीट की पट्टियों को एक एक करके दूसरी शीट के कटावों से चित्र 3.12(c) में दिखाए अनुसार बुनिए। चित्र 3.12(d) में पट्टियों के बुनने के पश्चात का नमूना दिखाया गया है। 
   इसी ढंग से तागों के दो सेटों को बुनकर वस्त्र बुने जाते हैं। तागे वास्तव में कागज की पट्टियों की तुलना में बहुत पतले होते हैं। वस्त्रों की बुनाई करघों पर की जाती है (चित्र 3.13)। 
करघे या तो हस्तप्रचालित होते हैं अथवा विद्युत प्रचालित। 

एक विशेष प्रकार की बुनाई
क्या कभी आपने यह ध्यान से देखा है कि स्वेटर किस प्रकार बुने जाते हैं? इनकी बुनाई (निटिंग) में किसी एकल तागे का उपयोग वस्त्र के एक टुकड़े को बनाने में किया जाता है (चित्र 3.14)। क्या आपने कभी किसी फटे हुए मोजे के किसी तागे को खींचकर देखा है? जब आप ऐसा करते हैं तब क्या होता है?  एकल धागा लगातार खिंचता चला आता है तथा वस्त्र उधड़ता जाता है। मोजे और बहुत सी अन्य पहनने की वस्तुएं ऐसी बुनाई द्वारा बने वस्त्रों से बनाई जाती हैं। इस प्रकार की बुनाई हाथों से तथा मशीनों द्वारा भी की जाती है। 
   दोनों प्रकार की बुनाई का उपयोग विभिन्न प्रकार के वस्त्रों के निर्माण में किया जाता है। इन वस्त्रों का उपयोग पहनने की विविध वस्तुओं को बनाने में होता है। 

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