2.3 संतुलित आहार
सामान्यत: पूरे दिन में जो कुछ भी हम खाते हैं, उसे आहार कहते हैं। हमारे शरीर की वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमारे आहार में वे सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में होने चाहिए जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है। कोई भी पोषक तत्व न आवश्यकता से अधिक हो और ना ही कम।
हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में रुक्षांश तथा जल भी होना चाहिए। इस प्रकार के आहार को संतुलित आहार कहते हैं।
क्या आप सोचते हैं कि प्रत्येक आयु वर्ग के लोगो को एक ही प्रकार के आहार की आवश्यकता होती है? क्या आप भी सोचते हैं की हमारा संतुलित आहार हमारे शारीरिक कार्य पर निर्भर करता है?
एक सप्ताह की अवधि में आप जो भी खाते हैं, उसका एक चार्ट तैयार कीजिए। जांच कीजिए कि प्रतिदिन जो भोजन आप करते हैं क्या उसमें सभी पोषक तत्व उपस्थित हैं ?
दालें, मूंगफली, सोयाबीन, अंकुरित बीज, किण्वित भोजन ( दक्षिण भारतीय भोजन जैसे, इडली), आटे का मिश्रण ( निशि रोटी, थेपला- अनाज व दालों से बना), केला, पालक, सत्तू, गुड, उपलब्धि सब्जियां तथा इसी प्रकार के अन्य भोजन, कई पोषक उपलब्ध कराते हैं। इसलिए कोई व्यक्ति अल्प व्यय में भी संतुलित आहार का सकता है। उचित प्रकार का भोजन करना ही पर्याप्त नहीं है। इसे उचित तरीके से पकाना ही चाहिए ताकि इसके पोषक तत्व नष्ट न हो। क्या आप जानते हैं कि पकाते समय कुछ पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं?
छिलका उतार कर यदि सब्जियों और फलों को धोया जाता है तो यह संभव है कि उनके कुछ विटामिन नष्ट हो जाएं। सब्जियों और फलों की त्वचा में कई महत्वपूर्ण विटामिन तथा खनिज लवण होते है। चावल और दालों को बार-बार धोने से उनमें उपस्थित विटामिन और कुछ खनिज-लवण अलग हो सकते हैं।
हम सभी जानते हैं कि पकाने से भोजन का स्वाद बढता है तथा इसे पचाने में आसानी होती है। इसके साथ साथ पकाने में कुछ पोषक तत्वों की हानि भी हो सकती है। यदि भोजन पकाने में अत्यधिक जल का उपयोग किया जाता है और बाद में उसे फेंक दिया जाता है तो कई लाभदायक प्रोटीन तथा खनिज लवणों की हानि हो जाती है।
पकाने में विटामिनC आसानी से गर्मी से नष्ट हो जाता है। क्या यह उचित नहीं होगा कि हम अपने आहार में फल और कच्ची सब्जियों को सम्मिलित करें?
बूझो ने सोचा कि हर समय वसायुक्त खाना ही सर्वोत्तम भोजन है। एक कटोरी कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन की अपेक्षा एक कटोरी वसायुक्त भोजन अधिक ऊर्जा देगा। क्या ऐसा नहीं होता? अतः उसने तली हुई चीजें समोसा, पूरी, मलाई, रबड़ी, पेड़ा आदि प्रचुर वसायुक्त भोजन ही खाया और इसके अलावा कुछ नहीं खाया।
क्या आप सोचते हैं कि वह ठीक था? नि: संदेह, नहीं। इतना अधिक वसायुक्त भोजन खाना हमारे लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। हमारे भोजन में वसा की मात्रा अत्यधिक मोटापे
का कारण बनती है।


टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें